मनुष्य के जीवन में दिशा और प्रकाश लाने में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है. इसीलिए भारतीय परम्परा में ऋषि मुनियों को विशेष स्थान दिया गया है. अब जबकि शिक्षा व्यवस्था आश्रमों से हटकर विद्यालयों में आ गई है तो शिक्षकों का आज भी वहीं स्थान है, जो पहले समाज को दिशा देने वाले ऋषियों, मुनियों का था. आज हम आपको एक ऐसे ही विद्यालय से रुबरु करवा रहे हैं, जहां कि शिक्षिकाओं ने कठिन समझी जाने वाली भाषा यानि संस्कृत को संगीत की सरसता के साथ आसान बना दिया है.
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