हिंदी के विस्तार ने यह संकेत तो दिया है कि अब हिंदी दिवस के बजाय अधिकार दिवस मनाने की जरूरत है. हिंदी अब वैसी दीन-हीन नहीं है, जैसी कि प्रचारित की जाती है. देश-दुनिया में क्या है आज हिंदी की असली तस्वीर? हिंदी दिवस पर हिंदी से जुड़े कईं लोगों से बात की गई कि आखिर इस पर वें क्या सोचते हैं.
↧