घर से भागने वाले बच्चे सबसे ज्यादा रेल से ही सफर तय करते हैं. उन्हें यह भी नहीं पता होता है कि उन्हें जाना कहां है. जहां रेल रुकती है वह वहीं उतर जाते हैं. इसके लिए रेल मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिल कर पहल की है.
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