देवभूमि उत्तराखंड में देवताओं का आह्वान करने वाले जागर केवल एक मिथ्य ही नहीं है, बल्कि ये एक अनुपम ऐतिहासिक दस्तावेज भी है. वैदिक परंपरा के अनुसार अपने पूर्वजों के इतिहास को इसी परंपरा ने ही आगे बढ़ाया है और इसी तरह ही वेदों की रचना भी हुई है.
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