प्रदेश में प्राइमरी शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसें ही चल रही है. स्कूलों में जहां पर 2 बच्चे हैं वहां अध्यापक तीन हैं और जहां बच्चों की संख्या 100 के करीब है वहां एक ही अध्यापक.
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