देवभूमि उत्तराखंड केवल शिव भक्तों एवं वैष्णवों का ही धार्मिक स्थल नहीं रहा है, बल्कि यहां बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने भी बौद्ध धर्म को खूब पल्लवित और पुष्पित किया है. पांचवी शताब्दी तक बौद्ध धर्म यहां के भाबर क्षेत्र में भी खूब प्रचारित किया गया जिसके निशान यहां आज भी देखने को मिलते है.
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