उत्तराखंड में उच्च शिक्षा भगवान भरोसे ही चल रही है. अधिकतर महाविद्यालयों में न तो भवन हैं और न ही अध्यापक. स्थिति इतनी खराब है कि महाविद्यालयों को किराए के भवनों के दो कमरों में संचालित कर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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